Wednesday, May 29, 2013

बस पन्ने पलटते जाओ.. कुछ करो मत....

सुबह के साढ़े पांच बज रहे थे , कल इतना थक गया था, की पता नही कब आंख लग गयी.. थकान में यह भी महसूस नही हुआ, की मैं बिस्तर के बजाय कुर्सी पर ही सो गया था... सामने पानी की आधी भरी बॉट्ल रखी हुई थी... आंखे मलते हुए , ज़ोर से लम्बी सांस लेकर् वापिस सोने की मुद्रा में आ गया, तभी अचानक कुछ खिड़की से उडता हुआ आया, और पानी की बॉट्ल से टकराया, बॉट्ल तो गिरी और साथ में मेरी भी तंद्रा जैसे टूट गयी... मैं यह जानने की कोशिश कर रहा था, की आखिर हुआ क्या? इधर उधर देखने पर समझ में आया, की अखबार वाले ने कुछ ज्यादा ही जोर से अखबार फेंका था.. जो सीधा आकर बॉट्ल से टकराया.. बॉट्ल का ढक्कन बंद होने के कारण पानी तो नही गिरा पर, मैं ज़रूर जाग गया... ज़ोर से एक अंगड़ाई लेकर में उठा और अखबार उठा कर गॅलरी में आकर बेठ गया... अखबार का धागा खोलकर.. जैसे ही पहली खबर पढी.. "नक्सलवादीयो के हमले में 27 बेकसूर लोगो की मौत".. ज़रा नज़र दूसरी और घुमाई तो "मैच फिक्सिंग में श्रीसंत और चण्डीला पुलिस हिरासत में" ... एक जगह बलात्कार की घटना की खबर थी... मैं कुछ अछा ढूंढने के लिये पन्ने पलटता गया... मगर हर पन्ना तो जैसे मुझे चिढा रहा था, हत्या , बलात्कार, लुट, आतंकवाद और भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर बहुत सारे बुद्धिजीविओ के विचार सभी पन्नो में भरे पड़े थे... यू लग रहा था मानो सारी बुराई एक ही दिन में दुनिया को बस खा जाने वाली है... चीन के बारे में सोचो तो लग रहा है की जब नक्सलवादीयो ने 27 नेता टपका डाले. हमारी बिसात है ही क्या? चीन हमारी तो भुजिया ही बना देगा... धीरे धीरे समझ में आ रहा है, हमारे नेता भी अब समझ रहे है की हालात देश के सीमाओ के बजाय, देश के भीतर ज्यादा खराब हें. हिन्दू मुस्लिम वोट बैंक की लड़ाई को पीछे छोड़ कर अब हमारी अंतरिक सुरक्षा एक सचे खतरे से वाकिफ हो रही है. अब बेरोज़गारी की बात कितनी भयानक हो रही है, यह भी समझ आ रहा है, मैं जिस कंपनी में काम करता हु, वहा से 30% लोग निकाल दिये गये है, और 30% खुद जा चुके है.. हम उन बाकी बचे हुए लोगो में है जिन्हे ना कही कोई नौकरी मिल रही है, और तीन महीने में एक बार तनख्वाह मिल जाती है.मगर में कर भी क्या सकता हु , बस अखबार के पन्ने पलटता हुआ, कभी राजनीति तो कभी अर्थव्यवस्था को कोसता हुआ, फिर एक नये दिन की शुरुआत कर रहा हु. जैसे बाकी दुनिया करती है..

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